स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एंव शुभकामनायें.. जय हिंद.. जय भारत..
चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ
चाह नहीं मैं प्रेमी माला में
बिंधप्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं सम्राटों के शव पर,
हे हरि डाला जाऊँ
चाह नहीं देवों के सर पर चढूँ,
भाग्य पर इठलाऊँ
मुझे तोड़ लेना बन-माली,
उस पथ पर देना तुम फेंक
मात्रभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जायें वीर अनेक!
माखन लाला चतुर्वेदी की ईन पंक्तियों को याद करते हुए जब एक पुलिस अधिकारी से अनायास देशभक्ति के माहोल में जब वन्देमातरम की.......
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