अपने सम्मान के चक्कर में फेक दिया बच्चो के स्वाभिमान पर कचरा .....
अपने सम्मान के चक्कर में , फेका बच्चो के स्वाभिमान पर कचरा इस तस्वीर को जरा गोर से देखिये नहीं समझ आये तो एक बार और देखिये, अब आप समझ ही गए होगे की मै आपको क्या दिखाना चाहता हू, हा बिलकुल सही वैसे तो मेरे पास इनके लिए शब्द नहीं है फिर भी कह देता हु इन मूर्खो को ये भी नहीं पता की तस्वीर कैसे खिचाई जाती है , और बेशर्मी का आलम तो देखिये जब सारे बच्चो के हाथ में पोधे है जो शायद ऊसके बोझ को भी मह्सूस कर रहे है ऐसे में ये महानुभाव की कुटिल मुस्कान और भाव भंगिमा तो देखिये कितनी सहजता से मुस्कारते हुए तस्वीर खीचा रहे है इसमें इनका पूरा साथ टीचरों ने भी दिया . शायद ये भूल गए की साथ में जो मोजूद है उनका मकसदकुछ और है पर इनका मकसद सिर्फ तस्वीर खीचना इन जैसो के लिए मेरे पास एक ही वाक्य है अपने सम्मान के चक्कर में फेक दिया बच्चो के स्वाभिमान पर कचरा .....
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